---------- Forwarded message ----------
From:
Chandan Kumar Nandy | गुरु कामधेनु , कल्पतरु , चिंतामणि है , गुरु पाराश है ,संसार के वासना के वस्त्र जब तक निकालके गुरु के पास नहीं जायेंगे हम अपने को कुंदन नहीं बना सकते , फिर तो हम गुरु को ना मान पाएंगे न गुरु की मान पाएंगे , जीवन बेकार हो जायेगा फिर से चक्कर लगाना परेगा / गुरु के हाथ में साडी विश्व एक आवले की तरह है , एक ओ ही केवल हमारा उद्धार कर सकते है . इसीलिए हे गुरुवार कृपया आपकी कृपा दृष्टि हम सब भक्तो पर रखिये और जैसे भगवान श्रीकृष्ण गोपियों का बस्त्र चुराए थे वैसे प्रभु आप भी हम सब भक्तो का माया रूपी रेशमी बस्त्रो को चुरा लीजिये और उसके बाद आपके साथ राष मानाने की तयारी करे. कोटि कोटि प्रणाम , अभिनन्दन. हरी ॐ |
|
|
|
|
No comments:
Post a Comment