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Thursday, July 4, 2013

Wednesday, July 3, 2013

Todays msg.28th.






Prajesh Verma
Todays msg.28th.
MAN- MANA- BHAV.,,, Geeta ka sandesh- --
Duniya ko aapka tan bhi chahiye, Dhan bhi chahiye magar bhagwan ko kewal maatr aapka man chahiye.Man se poorn samarpan kar dijiye, bhagwan apni Goad me bheitha lenge aur sada ke liye uska pyaar pa sakoge.!! Hari om! !




BHAJAN FOR TODAY.....BRAND NEW...A lovely bhajan...




Shubham Verma
BHAJAN FOR TODAY.....BRAND NEW...A lovely bhajan by Leena Ahuja in the holy feet of Guruvar....Yeh jo tere prem ki masti hai le jayegi na jaane kahan....tera naam rahega zubaan pe sada aur baki rahega na koi nishaan.....Lovely
http://yourlisten.com/channel/content/16995491/Yeh_jo_prem_ki_masti_hai
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YourListen.com Audio Blogs: Bhajan by Leena ji for H H Sudhanshuji Maharaj... YourListen.com an audi...


har subha

" ध्यान "




Astro Rajneesh Agarwal
= सुप्रभात = हम और आप . . . इस " फेस बुक " के माध्यम से रोज़ मिलते है . . नयी - नयी जानकारियाँ आपस में बांटते है . . .
.
= आज . . " बदलते है अपने जीवन को " . . . . जी हाँ . . मै बात कर रहा हूँ . . . " ध्यान " . . . की . . .
.
= " ध्यान " वास्तव में " सहज नींद " है . .
.
= अगर बात " नींद " की - की जाये - तो " नींद " से - थोड़ी शक्ति मिलती है . . . लेकिन " ध्यान " से . . आराम . . शक्ति तो मिलती ही है - साथ ही हमारे दिमाग की परते खुल जाती है . . जिससे हमारी जिंदगी में नया उत्साह- नया उल्लास भर जाता है . . और हम अपने जीवन की हर राह में कामयाब हो जाते है . . .
.
= " ध्यान " से हम जानबूझकर अपने शरीर से दिमाग तक जाते है , दिमाग से स्वयं की ओर . . . ओर स्वयं से परमात्मा की ओर जाते है . . .
.
= " ध्यान " करने के लिये . . .हमे अपने शरीर को सहज करना पडता है , अर्थात " शरीर का हिलना , देखना , बोलना और सोचना " . . .छोड़ना पड़ता है . .
.
= " ध्यान " ध्यान के लिये - बैठना आरामदेह और निश्चल होना चाहिए . . ज़मीन पर आराम से बैठिए . .आंखे बन्द कीजिए . . अन्दर और बाहर की आवाजों पर रोक लगाइये . . .
.
= आंखें दिमाग का द्वार हैं . . .इसीलियें आंखें बन्द होनी चाहिए . .
.
= कोई भी ध्वनियां - अन्दर या बाहर की . . . मन की क्रियाएं है . .इसलिये इन्हे बन्द करिये . . .अब शरीर को ढीला छोडिये . . .
.
= अपनी सांस को अपने आप चलने दे . . जानबूझकर ना ले . . ना छोड़े . . .
.
= " विचारों " का पीछा मत कीजिए . . . " विचारों " से दूर चले जाइए . . .
.
= अब आपको बंद आँखों में गहरे काले अँधेरे के बीच में एक रौशनी नज़र आएगी . . जो कुछ समय के पश्चात आपको " परमेश्वर " के पास ले जायेगी . .
.
= लेकिन . . . यहाँ तक पहुँचने के लिए . . आपको नियमित " ध्यान " करना होगा . . .
.
= जब आप " ध्यान " नियमित करेगे . . आप अपने जीवन में उत्तम बदलाव महसूस करेंगे . . . .
.
= तो . . सिर्फ 15 मिनट . . " ध्यान " . . . आज से ही . . . .
.



andhera

हरिओम 
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Monday, July 1, 2013

आज का गुरु संदेश 1-7-13-मनुष्य को अहिंसक



  • हरिओम 
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     आज का गुरु संदेश 1-7-13-मनुष्य को अहिंसक 


    परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

मनुष्य को अहिंसक होना चाहिए, हिंसक नहीं।

अहिंसक होने से मनुष्य को लाभ मिलता है कि उसका वैर पूरी तरह से समाप्त हो जता है।

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